हीरा हैं हम सोना हैं हम
चांदी सा हम चमकेंगे !
सोने की चिड़िया,
दूध की नदिया ,
"हरित-क्रांति" दिखलायेंगे !!
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गाओ बच्चों मेरे संग में !
मिल जाओ सब मेरे दल में !!
घर-घर से आवाज उठी है
बन्दे मातरम -बन्दे मातरम !
कदम ताल कर -छम्मक छम !
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गाँव गली हर शहर नगर में
रंग बिरंगा उत्सव है !
गीत शहीदों की गाते सब
शीश झुका नतमस्तक हैं !!
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न्याय , अहिंसा, भाईचारा ,
प्रेम सभी दिल में भर दें !
दुश्मन कहीं जो आँख दिखाए
धूल-धूसरित पल में कर दें !!
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सिंह से गरजें चोटी चढ़ के
कर अपनी चौड़ी छाती !
जल थल नभ की अपनी सेना
दुनिया में गरजे जाती !!
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राखी बाँधे जोश दिए हैं
सब वीर अमर अपने भाई !
जन-गण मन अधिनायक जय हे
गीत -सांस-अपनी थाती !!
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अग्नि- पृथ्वी- ब्रह्म-अस्त्र सब
अब सब अपनी मुट्ठी में !
सोने सा तप के हम निकले
मातृ-भूमि की भट्ठी से !!
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रहे न कोई क्षेत्र अधूरा !
बलि जाए हम प्राण पियारी !!
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अनुशासन में पल के बढ़ के
नम्र शिष्ट हम बन जाएँ !
मातृ-भूमि की रक्षा में डट
न्योछावर हम हो जाएँ !!
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हमारे सभी मित्र गन और सम्माननीय नागरिकों को स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभ-कामनाएं -जय भारत जय हिंद .
ये कविता हमारे ब्लॉग बाल झरोखा सत्यम की दुनिया से उद्धृत
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल "भ्रमर"५
प्रतापगढ़ उ.प्र. ३.१२ पूर्वाह्न
१५.०८.२०११
Dadi Maa sapne naa mujhko sach ki tu taveej bandha de..hansti rah tu Dadi Amma aanchal sir par mere daale ..join hands to improve quality n gd work
6 comments:
yah bhawna bani rahe to kuch bhi asambhaw nahin - vande matram
हे मातृभूमि शत कोटि नमन!!
आदरणीय मनोज जी -सच कहा आप ने माँ तुझे प्रणाम
धन्यवाद आप का प्रोत्साहन हेतु
स्वतंत्रता दिवस और राखी की हार्दिक शुभ कामनाएं
भ्रमर ५
आदरणीया रश्मि प्रभा जी हार्दिक अभिवादन आप का -बहुत सही कहा आप ने ये भक्ति भावना देश प्रेम न्योछावर होने का जोश और जज्बा बना रहे हममे फिर काहे का डर ...
आभार भ्रमर ५
सुंदर गीत।
अमृता जी आभार आप का प्रोत्साहन हेतु और इतना समय निकलने हेतु
भ्रमर ५
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