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Saturday, August 13, 2011

प्यार से कीमती कोई दौलत नहीं

मेरे   सपनो की तस्वीर खाली पड़ी
रंग भर दोगे मुझको ये अनुमान दो 
मंदिरों में भटकता नहीं मूर्ति बोली 
प्राण बन जाओगे कोई आभास दो
मेरे सपनो की तस्वीर.......

जंगलों में भटकता रहा रात दिन 
ये भी वीरान से -तुम कहाँ -ख्वाब दो
पर्वतों पे चढ़ा पाँव घायल किया 
रक्त रिश्ता है उर से -उपचार दो !!

ढूंढता मै फिर हर नगर गाँव घर  
हो जो परदे में भी चाँद को न ढको
कितना सुन्दर लगे -तोता मैना उड़े
कैद खुद को जकड दुःख सभी को न दो
मेरे सपनो की तस्वीर...

प्यार से कीमती कोई दौलत नहीं
भाया कोई जो मन गुफ्तगू तो करो
दीप मै हूँ जलूँगा सदा ही सनम
रोज देखो मगर ना बुझाया करो
मेरे   सपनो की तस्वीर खाली पड़ी
रंग भर दोगे मुझको ये अनुमान दो 
 सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर५
14.08.2011
जल पी बी ७.४५ पूर्वाहन 




Dadi Maa sapne naa mujhko sach ki tu taveej bandha de..hansti rah tu Dadi Amma aanchal sir par mere daale ..join hands to improve quality n gd work

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