RAS RANG BHRAMR KA WELCOMES YOU

Friday, August 10, 2012

कान्हा कृष्णा मुरली मनोहर आओ प्यारे आओ




जन्माष्टमी की हार्दिक शुभ कामनाये आप सपरिवार और सारी प्यारी मित्र मण्डली को भी आप के भ्रमर की तरफ से जय श्री कृष्णा ….

भ्रमर ५
l

















कान्हा कृष्णा मुरली मनोहर आओ प्यारे आओ
व्रत ले शुभ सब -नैना तरसें और नहीं तरसाओ
जाल –जंजाल- काल सब काटे बन्दी गृह में आओ
मातु देवकी पिता श्री को प्रकटे तुम हरषाओ
भादों मास महीना मेघा तड़ित गरज मतवारे
तरु प्राणी ये प्रकृति झूमती भरे सभी नद नाले
कान्हा कृष्णा मुरली मनोहर आओ प्यारे आओ
व्रत ले शुभ सब – नैना तरसें और नहीं तरसाओ
————————————————————
बारह बजने से पहले ही –सब- बंदी गृह में सोये
प्रकट हुए प्रभु नैना छलके माता गदगद होये
एक लाल की खातिर दुनिया आजीवन बस रोये
जगत के स्वामी कोख जो आये सुख वो वरनि न जाये
दैव रूप योगी जोगी सब नटखट रूप दिखाये
बाल रूप माता ने चाहा गोद में आ फिर रोये
सूप में लाल लिए यमुना जल सागर कैसे जाएँ
हहर -हहर कर उफन के यमुना चरण छुएं घट जाएँ
सब के हिय सन्देश गया सब भक्त ख़ुशी से उछले
आरति वंदन भजन कीर्तन थाली सभी बजाये
आज मथुरा में हाँ आज गोकुला में छाई खुशियाली
श्याम जू पैदा भये …………….


images (1)













मथुरा से गोकुल पावन में प्रभु प्रकटे खुशहाली

ढोल मजीरा छम्मक -छम्मक घर घर बजती थाली
बाल -ग्वाल गोपिन गृह – गृहिणी -गौएँ -सब हरषाये
मोर-पपीहा-दादुर-मेढक-अपनी धुन में-लख चौरासी गाये
बाल -खिलावन को मन उमड़े सब यशोदा गृह आये
नैन मिला रस -प्रीति पिलाये श्याम सखा दिल छाये
अब लीला प्रभु क्या मै वरनूं ‘क्षुद्र’ भगत हम तेरे
ठुमुक ठुमुक चल पैजनी पहने कजरा माथे लाओ
तुम सोलह सब कला दिखाओ कंस मार सब तारो
माखन खाओ नाग को नाथो गौअन आइ चराओ
प्रेम -ग्रन्थ राधा -कृष्णा के पढ़ा -पढ़ा दिल में बस जाओ
हरे कृष्णा-कृष्णा कृष्णा -कृष्णा कृष्णा हरे हरे !
नैन बंद कर हो चैतन्या जग तुममे खो जाये ……

सुरेन्द्र कुमार शुक्ल ‘भ्रमर’ ५
कुल्लू यच पी
७-७.५५ पूर्वाह्न
१०-.०८.२०१२

दे ऐसा आशीष मुझे माँ आँखों का तारा बन जाऊं





Dadi Maa sapne naa mujhko sach ki tu taveej bandha de..hansti rah tu Dadi Amma aanchal sir par mere daale ..join hands to improve quality n gd work

3 comments:

Shanti Garg said...

बहुत ही बेहतरीन और प्रभावपूर्ण रचना....
मेरे ब्लॉग

जीवन विचार
पर आपका हार्दिक स्वागत है।

India Darpan said...

बहुत ही शानदार और सराहनीय प्रस्तुति....
बधाई

इंडिया दर्पण
पर भी पधारेँ।

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

आदरणीया शांति जी प्रभु कान्हा की भक्ति में रंगी ये रचना आप के मन को भायी सुन ख़ुशी हुयी आभार
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५